शुक्र ग्रह के लिये गूलर की १००८ मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित energised जड़/बूटी
राशि :- वृषभ एवं तुला, स्वामी-शुक्र
दैवीय वृक्ष है गूलर, इसके उपाय से दूर होती है धन से जुड़ी समस्या
सनातन धर्म में पेड़ों के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। हिंदू धर्म में, गूलर पेड़ को बहुत पूजनीय स्थान दिया गया है। मान्यता है कि गूलर पेड़ में दैवीय गुण विद्यामान होते हैं। इस वृक्ष का संबंध शुक्र ग्रह से होता है।कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए आर्थिक संपन्न्ता, धनप्राप्ति, भूमि-भवन खरीदने की इच्छा है, लेकिन काम बन नहीं पा रहा है तो गूलर की अभिमंत्रित energised जड़ चांदी के ताबीज/ सफ़ेद कपडे में धारण करें। गूलर के जड़ को रोग निवारक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, गूलर के पेड़ का संबंध शुक्र ग्रह के साथ होता है. शुक्र ग्रह का रत्न हीरा है. यदि कोई व्यक्ति हीरा धारण नहीं कर पा रहा तो वह गूलर की जड़ को अपने दाहिने हाथ में ताबीज बना कर शुक्रवार को सायंकाल मन्त्र ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं शुक्रग्रह अरिष्ट निवारक श्री पुष्पदंत जिनेन्द्राय नम: शान्तिं कुरू कुरू स्वाहा का जाप करके धारण कर सकता है. गूलर की १००८ मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित energised जड़ हाथ में बांधने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है. इसके अलावा गुप्त रोगों में भी यह फायदेमंद है.गूलर की जड़ को बांधने से व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है