१००८ मंत्रों से अभिमंत्रित/Energised ५ मुखी रुद्राक्ष (Certified by “Swati Astrology Research centre')
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१००८ मंत्रों से अभिमंत्रित/Energised ५ मुखी रुद्राक्ष (Certified by “Swati Astrology Research centre')

१००८ मंत्रों से अभिमंत्रित/Energised ५ मुखी रुद्राक्ष (Certified by “Swati Astrology Research centre')

 

हिंदू धर्म और ज्योतिष  में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र और चमत्कारिक माना गया है।रुद्राक्ष पहनने के धार्मिक व अध्यात्मिक लाभ तो होते ही हैं, साथ ही इससे स्वास्थ्य लाभ भी होता हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पति भगवान शंकर के आंसुओं से हुई हैरुद्रभगवान शिव के वैदिक नामों में से एक है और अक्साका अर्थ है' अश्रु की बूँद' अत: इसका शाब्दिक अर्थ भगवान रुद्र (भगवानशिव) के आसूँओं से है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु अशं करने प्रकट किया है। जिसके चलते रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति  पर भगवान शिव की कृपा सदा बनी रहती है। इसे धारण करने से व्यक्ति सारे संकटों से बचा रहता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रुद्राक्ष को विज्ञान में भी बहुत असरकारक माना गया है। इससे कई बीमारियों से बचाव होता है।१०००८ मंत्रों  से अभिमंत्रित रुद्राक्ष ५ मुखी रुद्राक्ष ह्रदय रोगी के लिए बहुत प्रभावी है इसको धारण इस प्रकार से करना चाहिए की यह ह्रदय को स्पर्श करता रहे । १०००८ मंत्रों  से अभिमंत्रित रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। काले रंग के धागे में रुद्राक्ष धारण करना अशुभ होता है। इसे स्नान करके, सोमवार साफ कपड़े पहनकर ही धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को धारण करते समय नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। कभी भी किसी और का पहना हुआ रुद्राक्ष धारण नही करना चाहिए। 

Price:  Rs 1100 Rs 2100 /   USD 21         Tax: 0%         HSN Code: 14049070
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