काले घोड़े की नाल से बनी १००८ मन्त्रों द्वारा अभिमंत्रित /energisedरिंग (छल्ला )
राशि - मकर और कुम्भ ,स्वामी-शनिदेव
घोड़े की नाल का छल्ला दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में धारण किया जाता है. मध्यम अंगुली के नीचे शनि का स्थान होता है. धारण करने की विधि :- शनिवार को सायं अंगूठी को तिल के तेल में डुबोकर शनि के शांति मंत्र का (ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः) जाप करते हुए) धारण करना चाहिए .इसे धारण करने से जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. कुंडली में अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए घोड़े की नाल का छल्ला धारण किया जाता लेकिन इसे किसी साधारण लोहे से नहीं बनाया जाता है. काले घोड़े की नाल जो खुद घोड़े के पैरों से निकली हो, उसे ही शनिवार के दिन सिद्ध करके पहनना लाभकारी होता है. शनि का छल्ला धारण करने के लिए पुष्य, अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद और रोहिणी नक्षत्र सर्वोत्तम है. जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी है, वे जातक शनि का छल्ला धारण न करें। वह घोड़े की नाल का छल्ला(Product Code-SW5003)धारण करे।